Wednesday 24 August 2011

श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मुहैया कराये सरकार : महासंघ

श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मुहैया कराये सरकार : महासंघ
जम्मू। धर्मयात्रा महासंघ ने श्री अमरनाथ के श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया कराये जाने की मांग की है। महासंघ ने इसके लिए जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को पत्र भी भेजा है। इसमें तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये हैं। महासंघ द्वारा गठित एक समिति ने यात्रा के दौरान आने वाले विभिन्न समस्याओं का गहन अध्ययन किया है। इस रिपोर्ट के आधार पर यह मांग की गयी है।

उल्लेखनीय है कि श्री अमरनाथ के दर्शनार्थ देश और विदेश से लाखों लोग प्रतिवर्ष आते हैं, परन्तु इनको अनेक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। प्रत्येक तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर राज्य में हजारों रुपये व्यय करके यहां के निवासियों को रोजगार देते हैं और राज्य पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही राज्य की अर्थ व्यवस्था को भी मजबूत बनाते हैं। लेकिन सरकार इन तीर्थ यात्रियों की सुविधाओं पर ध्यान नहीं देती है। धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय संयोजक नील शर्मा और राष्ट्रीय महामंत्री नरेन्द्र बिदल ने तीर्थ यात्रियों के प्रति राज्य सरकार के इस प्रकार के रवैये की आलोचना की। विदित है कि धर्मयात्रा महासंघ; तीर्थ व तीर्थ यात्रियों के सहायतार्थ कार्य करने वाला सामाजिक संगठन है।
धर्मयात्रा महासंघ की प्रमुख मांगें-
* अमरनाथ यात्रियों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के निवारण हेतु यात्रा के आधार शिविरों- नुनवान व बालटाल में स्थाई अस्पतालों का निर्माण किया जाए। ये शिविर यात्रा के दौरान दो महीने तीर्थ यात्रियों की सेवा को प्राथमिकता दे व शेष के दस महीनों में स्थानीय जनता के उपयोग में आएं। इस वर्ष 100 से अधिक यात्री व स्थानीय लोग यात्रा के दौरान अकाल मृत्यु का ग्रास बने, क्योंकि मार्ग में पर्याप्त स्वास्थ्य संबंधी सुविधा नहीं थी।
* अमरनाथ यात्रा के दोनों रास्तों के प्रत्येक पड़ाव में सरकार की ओर से उच्च सुविधाओं एंव साधनों से युक्त स्वास्थ्य केन्द्रों की व्यवस्था की जाए।
* जहां तक संभव हो चल चिकित्सालय तथा हवाई एम्बुलेसों की व्यवस्थाएं की जाए ताकि आपातकाल में या़त्रियों को अस्पताल पहुंचाया जा सके।
* यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ खच्चर वाले व स्थानीय लोगों की भी सुरक्षा जांच की जाये। बर्फानी मार्ग चौड़ा व पक्का किया जाए, जिससे वर्षा के कारण होने वाले फिसलन से यात्रियों, घोड़ें वालों और पिटठुओं को बचाया जा सके।
* दोनों मार्गों के हर पड़ाव पर पक्के शौचालयों, साईबर कैफे, पीसीओ बूथ व दैनिक आवश्यकता की छोटी-छोटी दुकानों का निर्माण हो, जिससे स्थानीय जनता को रोजगार के साथ-साथ तीर्थयात्रियों को भी जरूरत का सामान साधरण मुल्य पर उपलब्ध हो सके।
* लंगर व भंडारे वालों को हर पड़ाव पर पक्के शैड बनाने की अनुमति दी जाए, जिससे वो वहां भंडारे के समान को सुरक्षित रख सकें व स्वयंसेवक वहां विश्राम कर सकें।
* धार्मिक व सांस्कृतिक संगठनों को यात्रा मार्ग पर धर्मशाला व विश्राम गृह बनाने की अनुमति दी जाए, जिससे वर्षा व भूस्खलन के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के समय तीर्थयात्रियों को खुले आसमान के नीचे मृत्यु व कष्टों से बचाया जा सके। यात्रियों की संख्या को नियंत्रण करने के लिए 10-10 हजार यात्रियों के रुकने के लिए चार स्थानों पर आधार शिविर बनाए जाएं, दुमेल, बालटाल, पहलगांव, चन्दनबाड़ी; इन चार स्थानों पर आधार शिविरों का निर्माण कराया जाए।
* तीर्थयात्रियों के पंजीकरण की सुविधा देश के प्रमुख धार्मिक व सामाजिक संगठनों को दी जाए, ताकि देश के हर गांव व कस्बे के लोगों को सुविधा रहे।
* यात्रा की अवधि दो मास से कम न हो ताकि ग्रीश्मावकाश का लाभ तीर्थयात्री उठा सकें। यात्रियों की संख्या इस वर्ष 6.25 लाख पार कर गई है, जो प्रतिवर्ष बढ़ती ही जायेगी।
* घोड़े, पिट्ठू और पालकी वालों को खुले टेण्डर के माध्यम से सेवा में लगाया जाए, जिससे तीर्थयात्रियों को साधरण दरों पर पंजीकृत संस्थाओं के माध्यम से ये सुविधाएं मिल सकें। यात्रियों का शोषण रोका जाना चाहिये। श्री अमरनाथ श्राइण बोर्ड में सभी स्थाई व अस्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति शिव भक्तों की हो, कोई गैर-हिन्दू कर्मचारी न हो।
* सम्पूर्ण यात्रा मार्ग को अमरनाथ क्षेत्र घोषित किया जाए, जहां पूर्ण शुद्धता रहे एंव संपूर्ण क्षेत्र को श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के हवाले किया जाये, ताकि माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड की तरह श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड पूरे क्षेत्र को आवश्यकतानुसार विकसित कर सके।

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